About this course
संख्या पद्धति (Number System): संख्याओं और उनके गुणों का अध्ययन, जैसे प्राकृतिक संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय संख्याएँ, आदि।
महत्तम समापवर्तक और लघुत्तम समापवर्त्य (HCF and LCM of Numbers): महत्तम समापवर्तक (HCF) वह सबसे बड़ी संख्या है जो दो या दो से अधिक संख्याओं को विभाजित करती है। लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) वह सबसे छोटी संख्या है जो दो या दो से अधिक संख्याओं से विभाज्य है।
दशमलव भिन्न (Decimal Fractions): संख्याओं को दशमलव बिंदु का उपयोग करके व्यक्त करना, जो पूर्ण संख्याओं को भिन्नात्मक भागों से अलग करता है।
सरलीकरण (Simplification): व्यंजकों या भिन्नों को उनके सरलतम रूप में घटाना।
वर्गमूल और घनमूल (Square Root and Cube Root of numbers): किसी संख्या का वर्गमूल वह मान है जो स्वयं से गुणा करने पर मूल संख्या देता है। घनमूल वह मान है जो स्वयं से तीन बार गुणा करने पर मूल संख्या देता है।
घातांक (Indices/Exponents): किसी संख्या को स्वयं से बार-बार गुणा करने को दर्शाने का एक तरीका।
संख्याओं पर समस्याएं (Problems on Numbers): संख्याओं पर विभिन्न अंकगणितीय संक्रियाओं से संबंधित शब्द समस्याएं।
उम्र पर समस्याएं (Problems on ages): व्यक्तियों की उम्र और उनके संबंधों से संबंधित शब्द समस्याएं।
प्रतिशत (Percentage): किसी संख्या को 100 के भिन्न के रूप में व्यक्त करना।
लाभ और हानि (Profit and Loss): व्यापार और वित्त से संबंधित अवधारणाएँ। लाभ वह आय है जो किसी लेनदेन में होती है, जबकि हानि वह राशि है जो खो जाती है।
अनुपात और समानुपात (Ratio and Proportion): अनुपात दो मात्राओं की तुलना करता है। समानुपात बताता है कि दो अनुपात बराबर हैं।
साझेदारी (Partnership): एक व्यावसायिक व्यवस्था जहाँ दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी उद्यम के लाभ या हानि में हिस्सा लेते हैं।
औसत (Average): केंद्रीय प्रवृत्ति का एक माप जो संख्याओं के एक सेट को जोड़कर और संख्याओं की गिनती से विभाजित करके गणना की जाती है।
साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज (Simple and Compound Interest): मूल राशि पर ब्याज की गणना करने के तरीके। साधारण ब्याज केवल मूलधन परcalculated होता है, जबकि चक्रवृद्धि ब्याज मूलधन और संचित ब्याज दोनों पर calculated होता है।
कार्य और समय (Work and Time): एक या एक से अधिक व्यक्तियों या मशीनों द्वारा अलग-अलग दरों पर काम करने पर किसी कार्य को पूरा करने में लगने वाले समय की गणना करने से संबंधित समस्याएं।
नल और टंकी (Pipes and Cisterns): कार्य और समय की समस्याओं के समान, लेकिन अलग-अलग प्रवाह दरों वाले पाइपों द्वारा टैंकों को भरने या खाली करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
समय, गति और दूरी (Time, Speed and Distance): समय, गति और दूरी के बीच संबंध से संबंधित समस्याएं।
रेलगाड़ी समस्याएं (Train Problems): एक विशिष्ट प्रकार की समय, गति और दूरी की समस्या जिसमें रेलगाड़ियाँ एक दूसरे को पार करती हैं, प्लेटफार्मों को पार करती हैं, या उनकी लंबाई की गणना करती हैं।
नाव और धारा समस्याएं (Boat and Stream Problems): रेलगाड़ी समस्याओं के समान, लेकिन शांत पानी में नाव की गति और धारा की गति से प्रभावित इसकी समग्र गति शामिल है।
क्षेत्रमिति (Mensuration): ज्यामिति की वह शाखा जो ज्यामितीय आकृतियों के माप से संबंधित है, जिसमें क्षेत्रफल, परिधि, आयतन और सतह क्षेत्र शामिल हैं।
लघुगणक (Logarithms): घातांक का व्युत्क्रम फलन। लघुगणक का उपयोग घातीय समीकरणों को हल करने के लिए किया जाता है और विज्ञान और इंजीनियरिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोग हैं।
क्रमचय और संचय (Permutation and Combination): गिनती तकनीकें जिनका उपयोग किसी सेट से वस्तुओं को व्यवस्थित करने या चुनने के तरीकों की संख्या निर्धारित करने के लिए किया जाता है। क्रमचय व्यवस्था के क्रम पर विचार करते हैं, जबकि संचय नहीं करते हैं।
प्रायिकता (Probability): किसी घटना के घटित होने की संभावना का माप। इसे 0 और 1 के बीच एक संख्या के रूप में व्यक्त किया जाता है, जहाँ 0 का अर्थ है कि घटना असंभव है और 1 का अर्थ है कि घटना निश्चित है।
वैदिक गणित युक्तियों द्वारा समीकरणों को हल करना (Solving Equations by Vedic Mathematics Tricks): गणितीय समस्याओं को जल्दी और कुशलता से हल करने के लिए प्राचीन भारतीय तकनीकों का उपयोग करना।
शेयर और डिबेंचर समस्याएं (Shares and Debentures Problems): वित्त और निवेश से संबंधित। शेयर किसी कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि डिबेंचर ऋण उपकरण हैं। इस क्षेत्र की समस्याओं में निवेश पर रिटर्न की गणना करना शामिल है।
त्रिकोणमिति का परिचय (Introduction to Trigonometry): त्रिभुजों की भुजाओं और कोणों के बीच संबंधों का अध्ययन। त्रिकोणमितीय कार्यों (साइन, कोसाइन, स्पर्शरेखा) का उपयोग कोणों और दूरी से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है।
सांख्यिकी (Statistics): डेटा के संग्रह, विश्लेषण, व्याख्या और प्रस्तुतीकरण का विज्ञान। सांख्यिकीय विधियों का उपयोग निष्कर्ष निकालने और सूचित निर्णय लेने के लिए किया जाता है।
अभ्यास पत्र (Practice Sheets): छात्रों को अभ्यास करने और अपनी समझ को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न विषयों पर समस्याओं वाली वर्कशीट।
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यह अंकगणित (Ankganit) का संपूर्ण पाठ्यक्रम है, जो गणित की नींव को मजबूत करने के लिए बनाया गया है। इस पाठ्यक्रम में, आप संख्याओं, गणनाओं और गणितीय सिद्धांतों के बारे में सीखेंगे। यह पाठ्यक्रम उन सभी के लिए उपयोगी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, स्कूल में पढ़ रहे हैं, या सिर्फ गणित में अपनी रुचि रखते हैं।
संख्या पद्धति (Number System) गणित की नींव है। यह मात्राओं को दर्शाने और उनके साथ काम करने का एक तरीका है। इसे गणित की भाषा के रूप में सोचें। यहाँ संख्या पद्धति के बारे में बताया गया है:
संख्या पद्धति क्या है?
संख्या पद्धति संख्याओं को दर्शाने का एक व्यवस्थित तरीका है। यह अंकगणितीय संक्रियाओं जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग को करने के लिए प्रतीकों और नियमों का एक समूह प्रदान करता है। संख्या पद्धति के बिना, हम आसानी से गिनती, मापना या गणनाएँ नहीं कर सकते।
महत्तम समापवर्तक (Highest Common Factor - HCF) और लघुत्तम समापवर्त्य (Least Common Multiple - LCM) दो महत्वपूर्ण गणितीय अवधारणाएँ हैं जो संख्याओं के बीच संबंधों को समझने में मदद करती हैं।
